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     बेटी का रिश्ता करने से पूर्व ध्यान योग्य बातें

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            भारतवर्ष में बेटी की शादी करना माँ-बाप का दायित्व है। बेटी के विवाह योग्य होते ही मां-बाप बेटी के लिए योग्य वर तलाशने लगते हैं। अनेक बार जल्दबाजी, सगे सミबन्धी का दबाव, अपूर्ण छानबीन के कारण बेटी को आपकी अदूरदर्शिता का खामियाजा ता-उम्र भुगतना पड़ता है। रिश्ता करने से पूर्व निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें:-

1. सर्वप्रथम अपनी लाडली से उसकी पसंद-नापसंद की जानकारी लें तथा उसी के अनुरूप वर तलाशने का प्रयास करें।

2. बेटी का रिश्ता अपने स्तर के परिवार में ही करें। दोनों परिवारों के स्तर में उन्नीस-बीस का अंतर तो चल सकता है, अधिक नहीं। बहुत ऊँचे या बहुत नीचे स्तर के साथ रिश्ता जोड़ने से दोनों परिवार दुःखी रहते हैं।

3. बेटी का रिश्ता करते समय शैक्षिक योग्यता का भी ध्यान रखें, लड़का आपकी बेटी से अधिक नहीं तो, बराबर पढ़ा-लिखा अवश्य होना चाहिए। पति-पत्नी का बौद्घिक, शैक्षणिक स्तर की समानता वैचारिक मतभेद नहीं उभरने देगी।

4. अपनी बेटी के लिए, उसके रंग-रूप, कद व स्वास्थ्य के अनुरूञ्प ही वर तलाशे। लड़के के पद और हैसियत को देखकर उसके रूप, रंग, कद, स्वास्थ्य को नजर अंदाज करना अनुचित है। प्रेम बढ़ाने में बाहरी आकर्षण का महत्वपूर्ण योगदान होता है। बेमेल रिश्ते से आपकी बेटी कुंठित रहेगी।

5. अवगुणी लडक़े से अपनी बेटी का रिश्ता कभी न करें। भले ही वो कितना भी सुंदर, पैसे वाला या रुतबे वाला ही क्यों न हो।

6. अपने माँ-बाप की कमाई के सहारे जीवन यापन करने वाले व बेरोजगार युवक से अपनी पुत्री का रिश्ता नहीं जोड़ना चाहिए। बेरोजगार पति पारिवारिक आवश्यकता की पूर्ति नहीं कर पाता,जिससे गृह क्लेश की संभावनाएँ बलवती होती हैं।

7. दहेज लोभी परिवार में अपनी बेटी का रिश्ता कतई न करें। वहाँ आपकी बेटी कभी सुखी नहीं रह सकती ।

8. रिश्ता करने से पूर्व लड़के व उसके परिवार की अपने स्तर पर छानबीन अवश्य कर लेनी चाहिए। अनेक बार बिचौलिया अनेक महत्वपूर्ण बातों की जानकारी नहीं देता या उसे भी उन बातों का ज्ञान नहीं होता। अधिक विश्वास के कारण कहीं आपकी बेटी के साथ विश्वासघात न हो जाए।

9. यदि आप अपनी बेटी का रिश्ता भारतीय मूल के विदेशी से करने जा रहे हैं, तो उपरोक्त बातों के अलावा उस देश में भारतीय एम्बेसी से उसके बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

10. अपनी बेटी की शादी को बोझ न समझें। बेटी की शादी कर देने मात्र से आप दायित्व मुक्त नहीं हो जाते। आपकी लाडली ने आप पर पूर्ण विश्वास कर आप द्वारा चुने गए लड़के के साथ अपनी पूरी जिंदगी गुजारनी है। उसके विश्वास को ठेस न पहुँचे, इसकी नैतिक जिम्मेदारीी आप पर है। आप अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाएँ।
 

 


 

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